क्या आप जानना चाहते हैं कि नवरात्रि में कौन-कौन से व्रत रखने चाहिए? जानिए नौ दिनों के व्रत, उनका महत्व, नियम, और देवी पूजन की पूरी जानकारी।
Table of Contents
नवरात्रि में कौन-कौन से व्रत करें
नवरात्रि एक ऐसा पावन पर्व है जिसमें देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। यह पर्व वर्ष में दो बार आता है चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि
इन नौ दिनों में उपवास, पूजा, और साधना का विशेष महत्व होता है। लेकिन बहुत लोग यह नहीं जानते कि नवरात्रि में कौन-कौन से व्रत करने चाहिए और किस दिन कौन से नियम का पालन करना जरूरी है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे –
- नवरात्रि के 9 दिन कौन-कौन से व्रत होते हैं
- हर दिन किस देवी की पूजा होती है
- उपवास के तरीके और नियम
- किन व्रतों से कौन-कौन से लाभ मिलते हैं
1. नवरात्रि क्या है और क्यों मनाई जाती है?
नवरात्रि का शाब्दिक अर्थ है “नौ रातें”, ये नौ रातें और दस दिन देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित होते हैं। यह पर्व अशुद्धियों को शुद्ध करने, आत्मा को जाग्रत करने और शक्ति प्राप्ति का समय होता है।
2. नवरात्रि में कौन-कौन से व्रत किए जाते हैं?
दिन | देवी का नाम | व्रत का प्रकार | लाभ |
---|---|---|---|
1 | शैलपुत्री | निर्जल/फलाहार व्रत | स्वास्थ्य, मानसिक शांति |
2 | ब्रह्मचारिणी | दूध-फल का उपवास | संयम, तप की प्राप्ति |
3 | चंद्रघंटा | फलाहार व्रत | भय का नाश, शक्ति प्राप्ति |
4 | कूष्मांडा | हल्का अन्न/सात्विक भोजन | ऊर्जा, रोगमुक्ति |
5 | स्कंदमाता | एक समय भोजन | संतान सुख, सौभाग्य |
6 | कात्यायनी | फलाहार/एक समय उपवास | विवाह में सफलता |
7 | कालरात्रि | निर्जल उपवास | शत्रु नाश, तंत्र बाधा निवारण |
8 | महागौरी | अष्टमी का उपवास | सौंदर्य, पवित्रता, पाप नाश |
9 | सिद्धिदात्री | नवमी व्रत/कन्या पूजन | सिद्धि, इच्छाओं की पूर्ति |
3. उपवास करने के प्रकार – कौनसा व्रत आपके लिए?
1. निर्जल व्रत – कोई भोजन या जल नहीं (कठिन व्रत)
2. फलाहार व्रत – फल, दूध, मखाना, साबूदाना आदि का सेवन
3. सात्विक एक समय भोजन – बिना लहसुन-प्याज के हल्का खाना एक बार
4. नैवेद्य व्रत – केवल माता को भोग लगाकर प्रसाद स्वरूप भोजन लेना
ध्यान रखें: यदि कोई शारीरिक रूप से कमजोर है तो फलाहार व्रत रखना उचित है।
4. व्रत के नियम – क्या करें और क्या न करें
क्या करें:
- सूर्योदय से पहले उठें और स्नान कर संकल्प लें
- देवी के मंत्रों का जाप करें
- घर में शुद्धता और पवित्रता रखें
- अखंड ज्योति जलाएं
- कन्या पूजन (अष्टमी या नवमी) जरूर करें
क्या न करें
- झूठ न बोलें, क्रोध न करें
- प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा का सेवन न करें
- बाल कटवाना, नाखून काटना वर्जित माना जाता है
- नीले/काले रंग के वस्त्र न पहनें
5. कन्या पूजन – क्यों है जरूरी?
अष्टमी या नवमी के दिन दो वर्ष से दस वर्ष के मध्य की कन्याओं को देवी स्वरूप मानना और उनको भोजन पवाना और भेंट देना बहुत ही पुण्य प्रदान करने वाला है
यह व्रत तब तक अधूरा माना जाता है जब तक कन्याओं को पूजित न किया जाए।
6. नवरात्रि में कौन-कौन से और व्रत किए जा सकते हैं?
- 1. कलश स्थापना व्रत
- 2. अखंड ज्योति व्रत
- 3. राम नवमी व्रत (9वें दिन)
- 4. दुर्गा सप्तशती पाठ व्रत
- 5. गणगौर व्रत (कुछ क्षेत्रों में)
7. व्रत के दौरान पाठ या मंत्र:
- दुर्गा सप्तशती का पाठ
- अर्गला स्तोत्र
- कवच स्तोत्र
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मंत्र का जाप (108 बार)
8. व्रत में क्या खा सकते हैं?
फलाहारी खाद्य | उपयोग |
---|---|
साबूदाना | खिचड़ी, वड़ा, खीर |
मखाना | भूनकर या मखाना खीर |
सिंघाड़ा आटा | पूरी या हलवा |
आलू | उबला या भुना हुआ |
फल | केला, सेब, अनार, पपीता |
दूध/दही | रोजाना सेवन कर सकते हैं |
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1: क्या पूरे नौ दिन व्रत रखना जरूरी है?
👉 नहीं, आप अपनी श्रद्धा अनुसार 1, 2, 5, 7 या 9 दिन व्रत रख सकते हैं।
Q2: क्या महिलाएं मासिक धर्म के दौरान व्रत रख सकती हैं?
👉 शास्त्रों के अनुसार व्रत रखा जा सकता है, लेकिन पूजा-पाठ से दूरी बनाए रखें।
Q3: क्या व्रत के दौरान ऑफिस जा सकते हैं?
👉 हां, फलाहार व्रत रखते हुए ऑफिस जाना संभव है। ध्यान रखें कि मन स्थिर रहे।
Q4: क्या बच्चे भी व्रत रख सकते हैं?
👉 छोटे बच्चों को हल्का फलाहार व्रत कराया जा सकता है, पूर्ण व्रत नहीं।
नवरात्रि व्रत केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है जो शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करती है। इन नौ दिनों में देवी के नौ रूपों की आराधना करके हम जीवन में शक्ति, साहस, स्वास्थ्य और सफलता प्राप्त कर सकते हैं। व्रत का पालन सच्चे भाव और श्रद्धा से करें – यही देवी की सच्ची पूजा है।