जानिए कैसे लोग क्या सोचेंगे इस डर से निकलकर आत्मबल बढ़ाने के उपाय अपनाकर मानसिक स्थिरता और आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं। अपने जीवन को सकारात्मक बनाइए।
हमारे और आप सबके जीवन में किसी न किसी बात को लेकर एक डर बना ही रहता है कि लोग क्या सोचेंगे और यह डर इतना बड़ा स्वरूप ले लेता है कि हम अपने ही फैसले लेने में संकुचित होने लगते है कतराने लगते है अपने लक्ष्य को सपने को इस डर के कारण पीछे छोड़ देते है और अपना आत्मविश्वास धीरे धीरे खो बैठते है
जब कभी हम कुछ भी नया अपने जीवन में करने के बारे में सोचते है शुरुआत करते है तो मन में एक भय एक डर बैठ जाता है कि लोग क्या सोचेंगे अगर लोग हंसेंगे तो ,आलोचना करेंगे तो , मैं अगर असफलता को प्राप्त हुआ तो?
मैं आपको एक बात बता दूं यह डर केवल हमारे मन में है लोगो का क्या है वह जब देखेंगे और बोलेंगे कुछ समय तक ही लोग कहते है उसके बाद शांत हो जाते है और अपने जीवन में व्यस्त हो जायेंगे
अब जो आपने अपने अंदर बैठा लिया यह डर तो आपका आत्मबल कम हो जायेगा ,आंतरिक ताकत खत्म सी हो जाती है यही पर अगर आप खुद पर विश्वास करने लग जाए आत्मविश्वास से भर जाए तो दुनिया की आवाजे स्वत: ही हल्की पड़ जायेगी कम हो जाएगी
मैं यही आपको बताने आई हूं कि यह देर आखिर क्यों होता है इस लेख के माध्यम से मैं आपको समझाऊंगी की यह डर क्यों पैदा होता है और अगर पैदा हो गया तो इसको जल्द से जल्द दूर कैसे करे आत्मबल कैसे बढ़ाएं ,मैं उपाय बताऊंगी वह आपको मानसिक स्थिरता देंगे ,आपका आत्मविश्वास बढ़ाएंगे और जीवन में कैसे आगे बढ़े आपको ऊर्जा प्रदान करेंगे
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लोग क्या सोचेंगे – इस डर की जड़ क्या है?
दूसरो की राय पर मत चलिए उनकी राय पर डिपेंड मत होइए यह डर तभी जन्म लेता जब आप अपने मन को दूसरो की राय पर चलाते है इसके पीछे कारण है मैं आपको बताती हूं
1. आत्म-संदेह
जब हम खुद को लेकर sure नही होते है हमे खुद पर यकीन नही होता तो दूसरो की राय हमे भारी लगने लगती है और यह सोचना शुरू कर देते है कि अगर हम गलत हुए तो लोग हंसी उड़ाएंगे हमारी
2. बचपन में मिली आलोचना
स्कूल या कॉलेज के दिनों में दोस्तो से आलोचनाएं मिलती है वह झेलने के कारण मन में हमारे डर बैठ जाता है कई बार परिवार में ही ऐसी स्थिति हो जाती है जिससे हमारे मानसिक सोच पर प्रभाव पड़ जाता है जब कोई बार बार डांटता है तो हम सही होते हुए भी डरने लगते है निर्णय लेने में विश्वास डगमगाने लगता है
3. तुलना की आदत
आजकल सोशल मीडिया का जमाना है वास्तविक जीवन में कम काल्पनिकता में ज्यादा रहते है अपने जीवन को दूसरो के जीवन से कंपेयर करके दिन प्रतिदिन अपने आत्मविश्वास को दुर्बल करते जाते है जो अंदर ही अंदर हमें नाकारात्मक विचार से भर देता है
4. असफलता का डर
एक बार असफल होने पर फिर से कोशिश करने पर मन में ख्याल आता है कि अगर असफलता मिली तो क्या होगा अगर इस बार में असफल हो गए तो लोग क्या सोचेंगे हमारी गलतियों को याद रखेंगे ऐसा डर हमे सताने लगता है
डर से बाहर निकलकर आत्मबल बढ़ाने के प्रभावी उपाय
डर तो आपने देख लिया कि अब मैं आपको बताती हूं डर से बाहर निकले कैसे अपने आत्मबल को बढ़ाने के प्रभावकारी उपाय क्या है
1. खुद को स्वीकार करें अपनी खूबियों और कमियों के साथ
कितनी अच्छी और बुरी आदतें है यह खुद से बेहतर हमे कौन बता सकता है आप तो जानते है कि कौन सी कमी है इसलिए आप दूसरो से सुनने से अच्छा आप खुद से स्वीकार करे कि यह कमी है और मैं इसमें काम करूंगा और जल्दी सुधार करके ठीक करूंगा कौन से गुण है किन बातों को जल्दी सुधार करना है ये आपको खुद पहचानना होगा अपने आप को नकारना बंद कर दीजिए अपने आत्मविश्वास को वापस लाइए रोज कहिए मैं जैसा भी हूं वैसा ही ठीक हूं मैं किसी भी चीज को सीख सकता हूं और जीवन में आगे बढ़ सकता हु अगर आप स्वीकार करते हो तो मन आपका हल्का हो जायेगा और डर कम हो जायेगा
2. आत्म-संवाद बदलें
यह देखा गया है कि जब कभी उत्साह के साथ हम कुछ करने जाते है तो मन में हमारे यह आवाज उठती है कि लोग क्या कहेंगे? अरे लोग क्या सोचेंगे? आप इसी समय अपने मन की बात जो उठ रही है उसको तुरंत बदलिए और कहिए जो सही है वही करूंगा , मेरे लिए हर किसी की राय कोई मायने नहीं रखती अंतिम फैसला मेरा ही है , मैं अपने सपनो का सम्मान करूंगा
ऐसे साकारात्मक सोच से आत्म संवाद से धीरे धीरे आप उन्नति को प्राप्त होंगे मानसिक मजबूती हासिल करेंगे
3. ध्यान और प्रार्थना से मन को स्थिर करें
मन जब बेचैन हो तो कुछ समझ नही आता न हम उस समय सही फैसले ले पाते है न सही कदम उठा पाते है परिणाम यह होता है की अवसर निकलने के बाद सिर्फ पछतावा हाथ में लगता है ध्यान अपने मन की बेचैनी को शांत करता है भगवान से प्रार्थना करने पर नवीन आध्यत्मिक ऊर्जा मिलती है अंदर से मजबूत होने पर बाहरी सुख दुख से आप ऊपर उठ जाते है
- आप आज से शुरुआत करे रोज सुबह सुबह उठे और एकांत साफ जगह पर 10 से 15 मिनट के लिए शांत बैठिए
- गहरी सांस लीजिए और मन में भगवान का मधुर मधुर नाम स्मरण कीजिए
- जब खुद से न संभाला जाए तो अपने मन की बात और डर प्रभु के सामने रख दीजिए
4. छोटे-छोटे लक्ष्य तय करें और उन्हें पूरा करें
जल्दी जल्दी आप किसी कार्य को नही कर सकते अगर आपका अभ्यास है तो जरूर कर सकते है पर अधिकतर लोग सब काम एक ही दिन में करने की सोच रखते है यही सोच आपको थका देती है आप को जब बड़े लक्ष्य से डर लगता है तो आप छोटे छोटे कदम उठाए आज एक छोटा काम पूरा करे फिर अगले दिन बचा हुआ फिर ऐसे ही आपका मन लगने लगेगा
- नया काम हो या पुराना मन न लगे तो टुकड़े में बांटकर पूरा करे थोड़ा थोड़ा कार्य करने से उत्साह बढ़ेगा
- जब काम करे तो खुद को तारीफ दीजिए कि मैंने यह कार्य किया
- आराम से आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा आपके कदमों को अब दूसरो की राय रोक नही पाएगी
5. प्रेरक कहानियां पढ़ें और सकारात्मक संगति अपनाइए
हमारे अंदर एक हुनर होता है हम दूसरे को देखकर उसके जैसे बनने या उससे सीखने लगते है ऐसे ही अगर आप को आलोचना किसी की परेशान करती है आप के अंदर से डर नही जाता तो आप महापुरुषों के ,संत, वैज्ञानिक की कहानी पढ़े जिन्होंने सारी आलोचनाएं झेलकर और कई बार असफलता को प्राप्त होने के बाद सफलता की सीढ़ी पर चढ़े , साकारात्मक लोगो का साथ आपके मन की ऊर्जा को बढ़ाता है
- हर सप्ताह प्रेरक लेख पढ़िए कुछ किताबे रखे खाली समय में अभ्यास बना के पढ़ने का
- सोशल मीडिया पर प्रेरणादायक कंटेंट को देखना शुरू करे
- गलत लोगो से और ऐसे नाकारात्मक बातचीत से जरूर खुद को दूर रखे ऐसे बातचीत को भी न सुने
6. अपने उद्देश्य पर ध्यान केंद्रित करें
कहते है न कब अपना लक्ष्य मजबूत हो तो आस पास की आवाजे सुनाई नही देती ना लक्ष्य से भटकाती है बाकी आवाजे धुंधली पड़ जाती है
- दिन में एक बार अपने जीवन का उद्देश्य या लक्ष्य याद करे या कही पर लिखकर रखे और उसको दिन में एक बाद पढ़े
- लक्ष्य को कैसे पूरा करे इस बारे में खूब चिंतन कीजिए मार्ग सोचिए कैसे हासिल करे
- सपनो को मन से पूरा होते देखे फिर वैसे ही प्रयास करे
7. असफलता को सीख में बदलें
अगर असफलता मिल रही बार बार लोग आलोचनाएं कर रहे तो निराश मत होइए काम बिगड़ा तो खुद को दोष न दे क्योंकि असफलता जीवन का एक हिस्सा है उसको स्वीकार करे और आगे बढ़े
- आप यह कर सकते है सुनो
- आपको असफलता मिली क्यों उसका कारण पता कीजिए कहां चूक हो गई
- अपनी गलतियों से सीखे और दोबारा न दोहराए ऐसा प्रयास करे
- अगली बार बेहतर योजना के साथ प्रयास करे
- मैं जब कभी असफल हुई तो असफलता को अपनी शिक्षक मानी हूं ना कि दुश्मन
आत्मबल बढ़ाने से मिलने वाले लाभ
जब आप ये सभी उपाय करते है तो परिणाम आप देखेंगे कि आपका आत्मबल धीरे धीरे बढ़ने लगता है मिलने वाले लाभ आपको बताती हूं सुनो
- मन में किसी भी बात को लेकर डर और चिंता खत्म सी हो जाती है या कम हो जाती है
- मन में अपार शांति और स्थिरता आती है
- हम अब समझकर निर्णय लेने लगते है क्षमता में वृद्धि होती है
- अपने जीवन में साकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और सुख दुख में समान रहने लगते है
- खुद पर विश्वास मतलब आत्मविश्वास से भर जाते है और प्रसन्न रहते है
- रिश्ता में संवाद अच्छा होने लगता है
- अपना लक्ष्य अपने पास नजर आने लगता है
तो आप सब ने समझा कि लोग की सोच पर न जाएं यह डर तो सबको सताता है कि लोग क्या सोचेंगे पर इसको समझकर सुधार करने पर आत्मबल बढ़ता है और वही तो सफलता की सीढ़ी पर चढ़ता है और संतोषी होता है अपने अंदर की ताकत को समझो अपने फैसले खुद लो इसके लिए खुद पर विश्वास और महापुरुषों की जीवन से बल प्राप्त करो याद रखना आप सही सोच से आत्मबल बढ़ता है