एक आम लड़की से भक्ति की प्रसिद्ध कथावाचिका बनने तक नेहा सारस्वत जी की सरल और दिल छू लेने वाली यात्रा
नेहा सारस्वत जी इस भक्ति मार्ग पर कैसे आईं

नेहा जी का जीवन भी एक समय पर आम लोगों की तरह ही था। वे एक साधारण परिवार में पली-बढ़ीं। पढ़ाई, घर के काम, और कुछ सपने – यही उनकी दिनचर्या थी। उन्हें गाने का शौक था, और कभी-कभी भजन भी सुनती थीं, लेकिन भक्ति जीवन उनके लिए उस समय बहुत गहरा विषय नहीं था।
लेकिन कहते हैं ना कि जब भगवान किसी को अपने रास्ते पर बुलाते हैं, तो कुछ न कुछ ऐसा होता है जो सब कुछ बदल देता है। नेहा जी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।
एक दिन यूँ ही बैठते-बैठते उनका मन बहुत बेचैन हो गया। न कोई चिंता थी, न कोई दुख, लेकिन फिर भी ऐसा लग रहा था जैसे दिल के अंदर कुछ खाली है। उन्होंने मन में सोचा – क्या मैं बस यूँ ही जी रही हूँ, या कोई और रास्ता है जो मुझे सच में सुकून दे सकता है?
उसी समय उनके मोहल्ले में भागवत कथा का आयोजन हुआ। पहले तो उन्होंने सोचा कि चलो एक बार सुन लेते हैं, फिर वापस अपने कामों में लग जाएँगे। लेकिन जब उन्होंने कथा सुनी, तो ऐसा लगा जैसे हर एक शब्द उनके लिए ही बोला जा रहा हो।
कथावाचक ने एक बात कही – “जब आत्मा परेशान होती है और कारण नहीं समझ आता, तब समझो भगवान तुम्हें अपने पास बुला रहे हैं।”
यह बात सीधा उनके दिल को छू गई। नेहा जी को पहली बार लगा कि यह बेचैनी बेकार नहीं थी, यह तो भगवान का संकेत था। उसी दिन उन्होंने मन ही मन निश्चय किया कि अब वो भगवान को जानने और समझने की कोशिश करेंगी।
धीरे-धीरे उन्होंने अपनी दिनचर्या बदली। सुबह जल्दी उठना शुरू किया, भक्ति गीत सुनने लगीं, श्लोक पढ़ने लगीं, और सोशल मीडिया पर कम समय बिताने लगीं। उन्हें जो शांति मिलने लगी, वो उन्होंने पहले कभी महसूस नहीं की थी।
एक दिन उन्होंने अपनी आवाज़ में एक श्लोक रिकॉर्ड करके सोशल मीडिया पर डाला। उन्हें नहीं पता था कि लोग इसे इतना पसंद करेंगे। लोगों ने कहा – “आपकी आवाज़ से मन को शांति मिलती है,” “आपके शब्दों ने दिल छू लिया।”
यहीं से उन्हें समझ में आया कि अगर उनकी बातों से किसी और को शांति मिलती है, तो शायद यही उनका असली काम है। उन्होंने इसे ही अपना मार्ग बना लिया – लोगों तक भक्ति, प्रेरणा और अच्छे विचार पहुँचाना।
अब नेहा जी रोज़ सोशल मीडिया पर भक्ति से जुड़ी बातें, सुंदर श्लोक, और कहानियाँ साझा करती हैं। उनकी बातें सीधे दिल से निकलती हैं, इसलिए लाखों लोग उन्हें सुनते हैं, पढ़ते हैं और उन्हें अपने जीवन का मार्गदर्शक मानते हैं।
नेहा जी का मानना है कि अगर आपके अंदर सच्ची लगन हो, तो भगवान खुद आपको अपनी राह दिखा देते हैं। जीवन में एक सच्चा सवाल ही सही दिशा की शुरुआत बन सकता है।
उनकी कहानी हमें सिखाती है कि कोई भी इंसान साधारण से असाधारण बन सकता है, बस उसे अपने अंदर की आवाज़ को सुनना होता है।
नेहा सारस्वत जी की यह यात्रा बताती है कि भक्ति कोई भारी शब्द नहीं है, यह एक सच्चा अनुभव है – जो दिल को छू जाए, वही भक्ति है।